tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post5916637569087293677..comments2023-10-26T15:24:46.256+05:30Comments on जनपक्ष: कोसंबी पर भगवान सिंह का भगवा हमला - कुलदीप कुमारAshok Kumar pandeyhttp://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-5018226783398130882013-10-09T04:32:22.287+05:302013-10-09T04:32:22.287+05:30समीक्षा की ऐसी भाषा और व्यक्तिगत लांक्षणों को ही क...समीक्षा की ऐसी भाषा और व्यक्तिगत लांक्षणों को ही काटने में समर्पित तर्क-पद्धति का तो मैं कायल नहीं हूँ लेकिन जहां लेखक ही कुतर्की और बकैती का धुआंधार गंधमार हो, वहाँ कोई चारा बचता ही नहीं है। ऐसे लोगों के मार्क्सवादियों के बीच लोकप्रिय रहने का एक मात्र कारण यही है कि हिन्दी की बौद्धिक दुनिया में 'मार्कस्वाद अब तक व्यक्ति विशेष के ज़ोर का प्रयत्न रहा है।' और वह व्यक्ति विशेष जिसके पुट्ठे पर हाथ मारता रहा वह लेखक-आलोचक कवि होता रहा है। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11151805975336262115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-23987246193062946852013-10-09T04:31:29.378+05:302013-10-09T04:31:29.378+05:30समीक्षा की ऐसी भाषा और व्यक्तिगत लांक्षणों को ही क...समीक्षा की ऐसी भाषा और व्यक्तिगत लांक्षणों को ही काटने में समर्पित तर्क-पद्धति का तो मैं कायल नहीं हूँ लेकिन जहां लेखक ही कुतर्की और बकैती का धुआंधार गंधमार हो, वहाँ कोई चारा बचता ही नहीं है। ऐसे लोगों के मार्क्सवादियों के बीच लोकप्रिय रहने का एक मात्र कारण यही है कि हिन्दी की बौद्धिक दुनिया में 'मार्कस्वाद अब तक व्यक्ति विशेष के ज़ोर का प्रयत्न रहा है।' और वह व्यक्ति विशेष जिसके पुट्ठे पर हाथ मारता रहा वह लेखक-आलोचक कवि होता रहा है। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11151805975336262115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-39407917541192518982013-10-09T00:25:16.189+05:302013-10-09T00:25:16.189+05:30बिलकुल सही निचोड़ है- "इतिहास को अपने मंतव्यों...बिलकुल सही निचोड़ है- "इतिहास को अपने मंतव्यों के अनुसार तोड़ना-मरोड़ना हिंदुत्ववादी खेमे का प्रिय शगल है। भगवान सिंह तो हड़प्पा सभ्यता और वैदिक सभ्यता को एक बता कर बहुत दिनों से इस खेमे के एजेंडे को इतिहास के क्षेत्र में लागू करने के लिए प्रयासरत हैं। "<br />भगवा_न सिंह की स्थापनाएँ पहले भी भाजपा के काम आ चुकी हैं. संसद में राम जनम भुमि पर बहस के दौरान उनकी किताब से उद्धरण दिए गये थे. <br />अपनी स्थापनाएँ देने के लिए कोई भी आजाद है, लेकिन मुखौटा लगा कर भरमाए, तो उसे नोचना ज़रुरी हो जाता है.<br />Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-33706939209816743622013-10-08T23:44:43.139+05:302013-10-08T23:44:43.139+05:30धन्यवादधन्यवादshrawan deorehttps://www.blogger.com/profile/06795346258090344852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-16399258546036944762013-10-08T23:07:09.126+05:302013-10-08T23:07:09.126+05:30बहुत उम्दा! कुलदीप कुमार इस पर विस्तार से लिखेंगे,...बहुत उम्दा! कुलदीप कुमार इस पर विस्तार से लिखेंगे, इसका इंतज़ार था . भगवान् सिंह कोसंबी का पर्दाफ़ाश करने चले थे, अपना ही हो गया . कुलदीप कुमार को साधुवाद!sanjeev kumarhttps://www.blogger.com/profile/15092099511847197251noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-78480702717234972172013-10-08T21:53:15.133+05:302013-10-08T21:53:15.133+05:30सारे व्यक्तिगत आरोप हैं ...उनके कृतित्व को लेकर ब...सारे व्यक्तिगत आरोप हैं ...उनके कृतित्व को लेकर बहुतों ने आलोचना लिखी है ...पर जिस औसत बुद्धि की यह भाषा है ...उसपर सिर्फ हंसा जा सकता है ...कोई शक नही यह भी तथाकथित राष्ट्रवादी (फासीवादी) सेना का नुमाइंदा है जिसकी भाषा शैली उसका परिचय स्वयं ही दे रही है .L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-77256675001812349952013-10-08T18:48:32.192+05:302013-10-08T18:48:32.192+05:30दुखद ...पर इस तरह के लोग भी है ही दुखद ...पर इस तरह के लोग भी है ही Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.com