tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post6748283820770790522..comments2023-10-26T15:24:46.256+05:30Comments on जनपक्ष: अज्ञेय के दिलबरों की उछल-कूदAshok Kumar pandeyhttp://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-90987201686764392182011-05-01T02:05:36.764+05:302011-05-01T02:05:36.764+05:30जब कोई साफ-साफ चुनौतीपूर्ण अंदाज़ में अपनी बात एक ...जब कोई साफ-साफ चुनौतीपूर्ण अंदाज़ में अपनी बात एक ठसक के साथ रखे तो एक उम्मीद कौंधती है, लेकिन काजल की कोठरी में उज्ज्वल-धवल पाक-साफ बात करते व्यक्ति के इस विरोध का उद्देश्य नहीं समझ आता. मानो मन यह जानने <br />को व्याकुल हो-पार्टनर तुम्हारी पालिटिक्स क्या है?<br />लेकिन जैसा मैंने पढ़ा अगर उसका एक ही अर्थ है तो यह हमारी प्रकृति के बहुत करीब है.जानकर अच्छा लगा कि इन बिल्लियों के गले में घंटी बाँधनेवाले और भी हैं. मेरी दृष्टि में हिंदी प्रतिरोध की ही भाषा है इससे चरण चंपी करवाएँगे तो इसकी हत्या ही होगी....<br />साफगोई के साहस के लिए साधुवाद.Hindi Jagathttps://www.blogger.com/profile/07891150923426260911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-91756153654984364882011-05-01T02:04:24.335+05:302011-05-01T02:04:24.335+05:30जब कोई साफ-साफ चुनौतीपूर्ण अंदाज़ में अपनी बात एक ...जब कोई साफ-साफ चुनौतीपूर्ण अंदाज़ में अपनी बात एक ठसक के साथ रखे तो एक उम्मीद कौंधती है, लेकिन काजल की कोठरी में उज्ज्वल-धवल पाक-साफ बात करते व्यक्ति के इस विरोध का उद्देश्य नहीं समझ आता. मानो मन यह जानने <br />को व्याकुल हो-पार्टनर तुम्हारी पालिटिक्स क्या है?<br />लेकिन जैसा मैंने पढ़ा अगर उसका एक ही अर्थ है तो यह हमारी प्रकृति के बहुत करीब है.जानकर अच्छा लगा कि इन बिल्लियों के गले में घंटी बाँधनेवाले और भी हैं. मेरी दृष्टि में हिंदी प्रतिरोध की ही भाषा है इससे चरण चंपी करवाएँगे तो इसकी हत्या ही होगी....<br />साफगोई के साहस के लिए साधुवाद.Hindi Jagathttps://www.blogger.com/profile/07891150923426260911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-63525415803196624062011-04-28T21:13:01.475+05:302011-04-28T21:13:01.475+05:30नीलाभ जी से निन्याबे प्रतिशत सहमत.....
- शिरीष कुम...नीलाभ जी से निन्याबे प्रतिशत सहमत.....<br />- शिरीष कुमार मौर्यshiningstarhttps://www.blogger.com/profile/13133061777450387688noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-33039662318105180782011-04-28T21:11:20.358+05:302011-04-28T21:11:20.358+05:30नीलाभ जी से निन्याबे प्रतिशत सहमत.....नीलाभ जी से निन्याबे प्रतिशत सहमत.....shiningstarhttps://www.blogger.com/profile/13133061777450387688noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-74783616801320036662011-04-28T11:25:43.997+05:302011-04-28T11:25:43.997+05:30ओम थानवी की यह बात ठीक है कि उन्होंने अज्ञेय पर को...ओम थानवी की यह बात ठीक है कि उन्होंने अज्ञेय पर कोई बहस नहीं चलाई.क्योंकि बहस में तो दोनो पक्षो को बोलने का अधिकार होता है.दर अस्ल ओम थानवी अज्ञेय के महिमा मंडन में जुटे हैं या कहो अज्ञेय पर जो सवाल उठाए जा रहे हैं उनका बचाव करने में जुटे हैं. पहले जनसत्ता में लेख लिखा फ़िर उसे ऐसी जगह चिपका दिया जहाँ बहस नहीं गाली गलौज होती है. उसी दिन उन्होंने एक वक्तव्य फ़ेसबुक पर डाल दिया ''हम अपने महापुरुषों के प्रति इतने नाशुक्रे क्यों हो जाते हैं'' वे कह रहे हैं अज्ञेय के पक्ष में बहुत सारे पत्र आये हैं . फ़ेसबुक पर भी बहुत सारे कमेंट उनके पक्ष में आए होंगे पर देखना यह होता है कि वे आपके पक्ष में क्या तर्क दे रहे हैं. ओम थानवी को लगा होगा जापान से पत्र लेख लिखवाने से कुछ ज़्यादा वजन बढ़ जाएगा. लेखक कोई ठोस तर्क देने के बजाय बार- बार कहता है मैं तो हिंदी भूल चुका हूँ मैं आपसे कभी मिला भी नहीं आप मुझे यह सब क्यों भेज देते हैं. इसलिए ओम थानवी ठीक कहते हैं कि उन्होंने कोई बहस नहीं छेड़ी है बस अज्ञेय के महिमा मंडन में एक अभियान चलाया है.Ram Prakash Ananthttps://www.blogger.com/profile/06182875963655868663noreply@blogger.com