tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post8635344830826378970..comments2023-10-26T15:24:46.256+05:30Comments on जनपक्ष: एड्रियन रिच द्वारा नैशनल मेडल ऑफ़ दि आर्ट्स ठुकराए जाने पर पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था को भेजा गया पत्रAshok Kumar pandeyhttp://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-77654513584803953402012-04-02T11:51:55.500+05:302012-04-02T11:51:55.500+05:30कला का सम्मान इस तरह से नही हो सकता. टोपियाँ पहना ...कला का सम्मान इस तरह से नही हो सकता. टोपियाँ पहना कर या मेडल प्रदान कर के या ऊँचे मंचों पर प्रशस्तियाँ गा कर....... ये तमाम सम्मान ( सरकारी और गैरसरकारी) प्रतिबन्धित कर देने चाहिएं .अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-64981287764002514492012-04-02T09:12:23.067+05:302012-04-02T09:12:23.067+05:30जहाँ जनता का अपमान हो वहाँ कलाकारों का सम्मान कैसे...जहाँ जनता का अपमान हो वहाँ कलाकारों का सम्मान कैसे हो सकता है ..? और फिर तुर्रा यह कि हम उसी जनता के लिए ही लिख रहे हैं | 'एड्रियन' ने तो जैसे आईना ही दिखा दिया है , बशर्ते कोई उसमे अपना चेहरा देखना चाहें ....रामजी तिवारी https://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-69142355216040529012012-04-02T08:26:30.703+05:302012-04-02T08:26:30.703+05:30इस पत्र से मेरी कुछ धारणाएं और पुष्ट हुई हैं... स...इस पत्र से मेरी कुछ धारणाएं और पुष्ट हुई हैं... सलाम, इसे साझा करने के लिए और हमारी वैचारिकी को पुख्ता करने के लिए।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-75264682644413591542012-04-02T00:08:48.344+05:302012-04-02T00:08:48.344+05:30मैं पूर्णतः सहमत हूँ.मैं पूर्णतः सहमत हूँ.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-51035208340971987632012-04-01T23:13:20.544+05:302012-04-01T23:13:20.544+05:30सलाम...सलाम...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-35113280263351997282012-04-01T23:12:52.587+05:302012-04-01T23:12:52.587+05:30सलाम....सलाम....Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-11926765946894179892012-04-01T23:01:25.921+05:302012-04-01T23:01:25.921+05:30सट्टा के पाखंड को लीर-लीर करने वाला आरोप पत्र.सट्टा के पाखंड को लीर-लीर करने वाला आरोप पत्र.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-74567845898085968882012-04-01T22:57:54.586+05:302012-04-01T22:57:54.586+05:30बहुत अच्छे बहुत बढिया ..वाह ..प्रेरक .बहुत अच्छे बहुत बढिया ..वाह ..प्रेरक .Vandana Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16280957639212248298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-51023447006713377892012-04-01T22:55:30.334+05:302012-04-01T22:55:30.334+05:30बहुत अच्छे बहुत बढिया ..वाह ..प्रेरक .बहुत अच्छे बहुत बढिया ..वाह ..प्रेरक .Vandana Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16280957639212248298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-49724491371971119122012-04-01T22:32:41.158+05:302012-04-01T22:32:41.158+05:30पता चलता है यह लड़ाई बहुत पुरानी है। सलाम।पता चलता है यह लड़ाई बहुत पुरानी है। सलाम।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-55134335839215937262012-04-01T21:17:22.330+05:302012-04-01T21:17:22.330+05:30प्रेरणादायक...श्रद्धांजलि !प्रेरणादायक...श्रद्धांजलि !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5809823261305391825.post-15376730785750952052012-04-01T18:27:53.264+05:302012-04-01T18:27:53.264+05:30रोज बिकती, रोज कमजोर होती लड़ाइयों के बीच खड़ी संघ...रोज बिकती, रोज कमजोर होती लड़ाइयों के बीच खड़ी संघर्ष पताकाएं हैं ये! सर्वाहरा संघर्षों की अनश्वर अग्निशिखाएँ. कब से, कब से कोशिश कर रहा हूँ कि उस लेखक का नाम याद आ जाए जिसने ब्रिटेन का पुरस्कार औपनिवेशिक बर्बरता में ब्रिटेन की भूमिका की वजह से ठुकरा दिया था, पर स्मृति है कि.. खैर.. कुछ और साथी भी हैं, देखते चलें..<br />http://www.dailymail.co.uk/news/article-204471/Top-people-refused-honours-named.htmlSamarhttps://www.blogger.com/profile/02202610726259736704noreply@blogger.com