बुधवार, 14 दिसंबर 2011

मैं अन्ना हूं

मोनिका गुप्ता का कार्टून यहाँ से साभार 



  • पाणिनी आनंद 



मैं अन्ना हूं

मैं ओम, निःश्रेयस, अभ्युदय हूं
मैं सूर्य हूं, मैं ही उदय हूं
मैं शिवाजी की तलवार हूं
मंच पे सवार हूं
गांधी का लंगोट हूं
मैं आर्मी का फटा हुआ कोट हूं
मैं 121 करोड़ का ठेकेदार हूं,
मैं भले ही एक वोट हूं

मैं मिथ्या का श्रम हूं
मैं गांधी आश्रम हूं,
मैं शराब के खिलाफ हूं
पर नशे में हूँ, भ्रम हूं
मैं समाजसेवियों का सिकंदर हूं
मैं बेड़ों के लिए पोरबंदर हूं

मैं एक गांव का हेडमास्टर हूं
मैं पैर का कटा हुआ प्लास्टर हूं
काला जूता हूं, सफेद मोजा हूं
मैं ही व्रत हूं, मैं ही रोज़ा हूं
मैं ब्रह्मचर्य की मूर्ति हूं
मैं वीर्यवान हूं, स्फूर्ति हूं
मैं ही दिया हूं, मैं ही बाती हूं
मैं योग हूं, कपालभाती हूं

मैं मध्यवर्ग का बवाल हूं
मैं किरण हूं, केजरीवाल हूं
मैं यूपीए की पीड़ा हूं
मैं बीजेपी की ढाल हूं
मैं दिग्विजय का दुस्वपन हूं
शरद पवार का गाल हूं.
मैं राहुल के लिए गांधी हूं
मैं गांव फूंक चली आंधी हूं

मैं राम हूं, लंका कांड हूं
मैं इंडिया का लेटेस्ट ब्रांड हूं
मैं अपने मद में चूर हूं
मैं मरे किसानों से दूर हूं
मैं राज ठाकरे का दोस्त हूं
मैं महाराष्ट्र का नूर हूं

मैं एरोम को अभी तक नहीं जानता
मैं एएफएसपीए को सही मानता
मैं मीडिया का मैनेजमेंट हूं
मैं आईएसी प्रेसिडेंट हूं
मैं भीड़ की हरियाली में अंधा हूं
मैं टोपियों का, तिरंगों का धंधा हूं
मैं राष्ट्रवाद की अफीम हूं
मैं ही फांसी का फंदा हूं

मैं अनुशासन का टोप हूं
मैं वेटिकन का पोप हूं
मैं मिसगाइडेड मिसाइल हूं
मैं एटम बम हूं, तोप हूं
मैं व्यापारी का दोस्त हूं
मैं मिडिल क्लास का टोस्ट हूं
मैं पेप्सी हूं, मैं कोला हूं
मैं अल्ट्रा व्हाइट लैम्प पोस्ट हूं

मैं भारत मां का बेटा हूं
मैं मंच पे आकर लेटा हूं
मैं पंचवटी का डमरू हूं
मैं लैपटॉप हूं, डेटा हूं
मैं बेदी हूं, मैं शर्मा हूं
चोपड़ा, कपूर हूं, खन्ना हूं
मैं झाड़ी हूं, झड़बरी हूं
मैं बांस हूं, मैं गन्ना हूं

मैं अन्ना हूं

14 टिप्‍पणियां:

  1. मैं 'शुद्ध-गाय' के घी में तला खजूर हूं ! जियो,पाणिनी !

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  2. मैं 'शुद्ध-गाय' के घी में तला खजूर हूं । जीयो,रजा पाणिनी!

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  3. पाणिनी आनंद जी की यह कविता सच का पिटारा है।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर कविता वर्षा जी बधाई और शुभकामनाएं |

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  5. कल 16/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  6. ............सबसे अहम ये कि मैं लेखक (कवि) के बेशकीमती समय में से लिया गया अंश हूँ जो मजबूर कर रहा है उसे {कवि को} कि मुझ जैसे व्यर्थ में अपना समय व ऊर्जा व्यर्थ करे........!

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  7. bahut hi pravaah yuqt anna ji ke upar likhi hui kavita bahut pasand aai.
    sarkar ke gale ki faans hoon mai anna hoon.

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  8. मै अन्ना हूँ ,...बहुत सुंदर रचना अच्छी लगी,..
    अन्नाजी के विचारों पेरित मरी पोस्ट देखें...
    मेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....

    नेता,चोर,और तनखैया, सियासती भगवांन हो गए
    अमरशहीद मातृभूमि के, गुमनामी में आज खो गए,
    भूल हुई शासन दे डाला, सरे आम दु:शाशन को
    हर चौराहा चीर हरन है, व्याकुल जनता राशन को,

    पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे

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  9. मैं फेसबुक पर उठता हूँ ,
    मैं फेसबुक पर खाता हूँ ,
    मैं फेसबुक पर सोता हूँ ,
    फेसबुक का क्रांतिकारी हूँ मैं ,,
    मैं स्टालिन का तोता हूँ ,
    मैं क्रान्ति क्रान्ति चिल्लाता हूँ ,
    मैं दिनभर सोता रहता हूँ ,
    रात को फेसबुक पर क्रान्ति मचाता हूँ ,
    फेसबुक का क्रांतिकारी हूँ मैं ,,
    इरोम के समर्थन में ,
    रात को स्कॉच का पेग लगाता हूँ मैं ,
    बदलाव से डरता हूँ मैं
    लोकपाल का विरोधी हूँ मैं ,
    फेसबुक का क्रांतिकारी हूँ मैं ,,
    मैं जन आंदोलन का पलीता हूँ ,
    मैं तीन करोड का रक्तपात हूँ ,
    मैं समाजवाद की दुकानदारी हूँ ,
    मैं चे हूँ , मैं मार्क्स हूँ , मैं लेनिन हूँ ,
    मैं फेसबुक का क्रांतिकारी हूँ,,ललित पन्त

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  10. jo aap sonch sko mein wo hu....................

    nice lines aapne bahut achha likha hei

    जवाब देंहटाएं
  11. jo aap sonch sko mein wo hu....................
    nice lines
    aapne bahut achha likha hei

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