मौत से लड़ते हुए आख़िर हार गये कमाण्डर…
इतने दिनों से बीमार थे लेकिन जब भी बात होती लगता कि इस बीमारी की औकात उन्हें हराने की नहीं…बस एक दिन आ बैठेंगे हमारे बीच और अपने उसी नियंत्रित अंदाज़ में कहेंगे…'आगे की योजना बनाईये भाई'!
लेकिन अब वह बैठक कभी नहीं होगी। कमला जी से मेरे संबंध कोई बहुत पुराने नहीं रहे…पाँचेक साल पहले डा संतोष भदौरिया के घर पर पहली मुलाक़ात हुई फिर फोन पर कभी-कभार बात होती रही। अक्सर असहमतियाँ ही केन्द्र में रहीं। लेकिन इतनी असहमतियों और तर्क-वितर्कों के बाद भी वह कभी कटु नहीं हुए…
स्मृतियाँ तमाम हैं लेकिन अभी बस श्रद्धांजलि देने भर की ही चेतना है।
श्रद्धांजलि...
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से भी भावभीनी श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंकितना अजीब है आज ही सोच रहा था सभी दोस्तों को बताऊँ की कमला जी की तबियत बहुत ख़राब है हमें उनके स्वास्थ्य के .... अभी सोच ही रहा था की उनसे मिलके कहूँ की आप परिवार बहुत बड़ा है दादा अभी हमें आप की जरुरत है और हम आगे की योजना बनायेंगे कमांडर! पर आज खबर ये मिलती है की हमारे परिवार का ये बुजुर्ग अब नहीं रहा. ...
जवाब देंहटाएंआपने सही लिखा है. बहुत सहज थे वे. पिछले कुछ बरसों की छुट पुट और रस्मी मुलाक़ातों के बावज़ूद अपनी पिछली जयपुर यात्रा में वे जिस अपनेपन और सहजता से मेरे घर चले आए, उससे मैं चकित भी हुआ और आह्लादित भी. ऐसी सहज आत्मीयता बहुत याद आएगी, कमला बाबू.
जवाब देंहटाएंओहो तो कमला जी भी चले गए। मैं उनसे 1982 के आसपास मिला था वे और सेवाराम त्रिपाठी होशंगाबाद आए थे,प्रगतिशील लेखक संघ की इकाई का गठन करने। मैं होशंगाबाद इकाई का सचिव का चुना गया था। फिर इस बहाने उनसे सम्पर्क बढ़ा। जब चकमक के कारण भोपाल स्थानांतरित हुआ तो वहां कहीं न कहीं किसी कार्यक्रम में उनसे मुलाकात होती ही रही।
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सलाम कमला जी।
DUKHAD SAMACHAR. AAJ SUBEH DEVTALE JI SE MAALUM HUA. VE SNEHIL AUR SHANDAR BUZURG THE HAMARE. YUVAON KO HAR QADAM PAR UNKA PROTSAHAN MILTA THA AUR PYAR BHI. DUNIYAWI ROOP SE HAR KISI KO KABHI NA KABHI JANA HI HOTA HAI PAR VE HAMARI SMRITIYON MEIN HAMESHA ZINDA RAHENGE.
जवाब देंहटाएंजन संस्कृति मंच ने हिन्दी के जाने माने आलोचक , प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय
जवाब देंहटाएंमहासचिव और "वसुधा" के संपादक डा० कमला प्रसाद के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है.
आज जारी बयान में जसम लखनऊ के संयोजक कौशल किशोर ने कहा कि कमला प्रसाद जी का जाना जनवादी और प्रगतिशील आन्दोलन का भारी नुकसान है.
aaj Durg _Bhilai ke kareeb 50 sathee mile aur PWA ke sachiv parameshvar vaishnav ke yahan baithkar apane commander kamala ji ko shraddhaanjali dee ~
जवाब देंहटाएंgwalior me katha sahitya ke karyakram sangman ke baad PWA ki bethak me is commander se milna hua tha, milna kya lagbhag dekhana-sunna hua tha, bade bhai pawan karan ne choti si mulakat karai thi. unki sahjta, sadgi se koi bhi prabhavit hue bina nahi rah sakta tha.
जवाब देंहटाएंPWA ke is commader ko aakhiri salaam, is vaade k sath ki commander hum koshish karenge us loktantra ko banaye rakhane ki, jiski mashal aapne jalayi thi.
2004 मे मण्डी (हि प्र) मे प्रलेस के वार्षिक कार्यक्रम में जब नामवर सिंह आए थे,तब उंसे भेंट हुई थी.संगठन सत्र मे उन्हे क़रीब से समझने का मौका मिला. वे एक तेज़ तर्रार नेता की तरह बोल्ते थे. और एक प्रोफेशनल संगठंकर्त्ता की तरह पेश आते थे. बाद में फोन पर ही बाते होतीं रहीं. एक बार मिलकर विचार और विचार धारा को लेकर कुछ शंकाए दूर करने का मन था .... मलाल रहेगा ! हार्दिक श्रद्धाँजलि.
जवाब देंहटाएंश्रधांजलि!
जवाब देंहटाएंबहुत ही दुखद समाचार
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि!