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शनिवार, 3 अक्तूबर 2015

सबसे बड़े बीफ निर्यातक का शाकाहार



  • कृष्णकांत


भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक है. दूसरे नंबर पर ब्राजील, तीसरे पर आॅस्ट्रेलिया है. भारत अकेले दुनिया भर का 23 प्रतिशत बीफ निर्यात करता है. एक साल में यह निर्यात 20.8 प्रतिशत बढ़ा है. भारत, ब्राजील, आॅस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा 2015 में एक मिलियन मैट्रिक टन यानी एक अरब किलो बीफ निर्यात करने की योजना है. अकेले भारत और ब्राजील दुनिया के कुल बीफ निर्यात का 43 प्रतिशत सप्लाई करेंगे. पोर्क और पोल्ट्री के बाद बीफ तीसरे नंबर का मांसाहार है, जिसकी दुनिया भर में मांग है. भारत ने पिछले साल 2082 हजार मैट्रिक टन बीफ का निर्यात किया. भारत की छह प्रमुख गोश्त निर्यात करने वाली कंपनियों में से चार के प्रमुख हिंदू हैं. केंद्र में हिंदूवादी सरकार है जिसका मातृ संगठन आरएसएस गोहत्या के खिलाफ तलवारें खींचे खड़ा रहता है. जब एक व्यक्ति को घर से खींच कर इसलिए मार दिया जाता है कि उसके गोमांस खाने की अफवाह उड़ी थी, जब रांची को इसलिए दंगे की आग जला रही है कि किसी धर्मस्थल के सामने मांस का टुकड़ा मिला था, आपको इस शाकाहारी नारे वाली जन्नत की हकीकत मालूम होनी चाहिए. 


द हिंदू अखबार लिखता है कि यूएस डिपार्टमेंट आॅफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश है. हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि यूएस सरकार बीफ में भैंस का मांस भी शामिल करती है. यानी बीफ मतलब गाय, बैल और भैंस का मांस. इस आंकड़े के मुताबिक, भारत ने 2015 वित्त वर्ष में 2.4 मिलियन टन बीफ निर्यात किया, जबकि ब्राजील ने 2 मिलियन टन और आॅस्ट्रेलिया ने 1.5 मिलियन टन. यह तीनों देश मिलकर दुनिया का 58.7 प्रतिशत बीफ सप्लाई करते हैं.
आईबीएन 7 के मुताबिक, बीते चार साल में भारत में बीफ यानी गोवंश और भैंस के मीट की खपत में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2011 में बीफ की खपत 20.4 लाख टन थी, जो 2014 में बढ़कर 22.5 लाख टन हो गई है. भारत ने पिछले वर्ष 19.5 लाख टन बीफ का निर्यात किया. मार्च 2015 के आंकड़ों के हिसाब से, पिछले छह महीने में बीफ निर्यात में 15.58 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

2006 में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, भारत की 60 प्रतिशत आबादी मांसाहारी है. The Hindu’s analysis of data from the 2011-12 National Sample Survey के मुताबिक, चार प्रतिशत ग्रामीण और पांच प्रतिशत शहरी भारतीय बीफ खाते हैं.

महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, राजस्थान, पंजाब, पुड्डुचेरी, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और बिहार में गौ-हत्या पर प्रतिबंध है. 8 राज्यों में आंशिक प्रतिबंध हैं, ये राज्य हैं- बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और चार केंद्र शासित राज्यों, दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पांडिचेरी, अंडमान ओर निकोबार. दस राज्यों, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और एक केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप में गो-हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है. असम और पश्चिम बंगाल में 14 साल से अधिक उम्र की गाय, बैल व भैंस को मारकर उनका मांस खाने की इजाजत है लेकिन उसके लिए 'फिट फॉर स्लॉटर' की सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे तो मांस निर्यात पर बड़े चिंतित थे. अपनी एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा था, ''...और इसलिए दिल्ली में बहती हुई सरकार का सपना है कि हम हिंदुस्तान में पिंक रेबोल्यूशन करेंगे और पूरे विश्व में मांस-मटन का एक्सपोर्ट का बिजनेस करेंगे और स्वंय इस वर्ष भारत सरकार ने घोषित किया है, पूरे विश्व में बीफ एक्सपोर्ट में हिंदुस्तान नंबर वन है. किन चीजों के लिए गर्व किया जा रहा है भाईयो और बहनों आपका कलेजा रो रहा या नहीं मुझे मालुम नहीं, मेरा कलेजा चीख-चीख कर पुकार रहा है.''

दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर तमाम लोगों की भीड़ ने अखलाक के घर में घुसकर उसकी हत्या कर दी. मंदिर मस्जिद के सामने मांस के टुकड़े मिलने पर रांची को दंगे की आग में झोंक दिया गया. दिल्ली चुनाव के करीब यहां भी ऐसे प्रयास हुए थे. तो क्या पिंक रिवोल्युशन पर प्रधानमंत्री का दिल इसीलिए रो रहा था कि गोमांस और गोहत्या पर तनाव फैले? मांस निर्यात तो वे लगातार बढ़ा रहे हैं, तो देश में बीफ खाने वालों पर इस कदर बवाल क्यों हो रहा है? महाराष्ट्र में जैन पर्व के दौरान शिवसेना का उपद्रव और जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबंध लगाने पर भाजपा विधायक द्वारा बीफ पार्टी देने की घोषणा भी ध्यान में रखिए. फिर इसका मकसद साफ होता है कि मांसाहार और शाकाहार पर लोगों को एकदूसरे से लड़ाना ही प्रमुख लक्ष्य है. वरना सरकार सबसे पहले मांस निर्यात रोकती, जिसने बासमती चावल के निर्यात को पीछे छोड़ दिया.

जिस देश की सरकार दुनिया भर को सबसे ज्यादा बीफ खिला रही है, वहां पर एक आदमी के बारे में अफवाह फैलाई जाती है कि वह बीफ खाता है और उसे घर से खींचकर पीटपीट कर मार दिया जाता है. ऐसा करने वाले उस पार्टी और संगठन के समर्थक हैं, जिसकी केंद्र में सरकार है और वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा बीफ निर्यात कर रही है. भाजपा के लिए गाय राममंदिर की कैटेगरी का एक मुद्दा है, जिसे वह भुनाना चाहती है. उसे मंदिर नहीं बनवाना था, लोगों को लड़ाना था तो 25 सालों तक लड़ाया. जब वह मुद्दा उतना उकसाने वाला नहीं रहा तो अब गाय मुद्दा है. भाजपा बीफ निर्यात का कीर्तिमान भी बनाएगी और देशवासियों को लड़ाएगी भी. मूर्ख हम और आप हैं.


अब आप तय कीजिए कि आप क्या चाहते हैं और आपकी सरकार क्या चाहती है? दोनों की चाहना से अलग यह भी ध्यान में रखिए कि किसी की खाने पीने की आदत या पसंद पर आप लगाम लगाने वाले आप कौन होते हैं? इस पर भी सोचिए कि एक आदमी की जान की कीमत ज्यादा है या एक जानवर की. जानवर के लिए जान लेने पर उतारू लोग जानवर से कितने कम हैं?

2 टिप्‍पणियां:

  1. बीफ का घरेलू उपभोग घटेगा तो गायें सस्ती दर पर स्लाटर हाउसेस को बेचने पलोंजी मजबूर होंगे,निर्यात बढ़ेगा और कमाई भी बढ़ेगी।क्या इस संभावना में कोई दम है ?

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